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सिविल सर्विस के इतिहास में पहला केस…..11 साल की IRS की नौकरी… अब बदला जेंडर, मिली नई पहचान

हैदराबाद में एक महिला आईआरएस अफसर ने अपना जेंडर चेंज कराया है. केंद्रीय कस्टम एवं सर्विस टैक्स अपीलेंट ट्रिब्यूनल में जॉइंट कमिश्नर के पद पर तैनात इस महिला अफसर ने सेक्स रिएसिगमेंट सर्जरी (SRS) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट आई है. ड्यूटी जॉइन करने के साथ ही उन्होंने सिविल सर्विस के रिकार्ड में जेंडर चेंज के लिए आवेदन किया था. सरकार की मंजूरी के बाद वह आधिकारिक तौर पर महिला से पुरुष बन गई हैं.

2013 बैच की महिला आरएएस मिस एम अनुसूया 11 साल की नौकरी के बाद अब अब मिस्टर एम अनुकथिर के नाम से जाने और पहचाने जाएंगे. एम अनुसुया के मिस्टर एम कथिर बनने के साथ ही भारतीय सिविल सर्विस के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. वह देश की पहली महिला आईआरएस अफसर हैं जिन्होंने जेंडर चेंज कराया है. इनसे पहले साल 2015 में उडीसा में कार्मशियल टैक्स विभाग में तैनात एक अधिकारी ने अपना जेंडर चेंज कराया था. वह अधिकारी पुरुष से महिला बने थे.

सिविल सर्विस के इतिहास में पहला मामला

उन्होंने अप्रैल 2014 में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाकर सरकारी रिकार्ड में भी अपना जेंडर चेंज कराया था. उस समय से वह ऐश्वर्या रितुपूर्णा प्रधान के रूप में जाने जा रहे हैं. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उस घटना के बाद यह दूसरा मामला है, जिसमें किसी अधिकारी ने जेंडर चेंज कराया है. वहीं देश के सिविल सर्विस के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी आईआरएस अधिकारी ने अपना जेंडर चेंज कराया है.

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एम अनुसुया की पहचान मिस्टर एम अनुकथिर के रूप में दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि साल 2014 में इसी तरह के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि जेंडर चेंज कराना किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है और इससे उसकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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